Betul News – नगर के मंदिरों से रोज आठ से दस किलो फूल और बेल-पत्ती निकलती है। नगर पालिका ने फूल और पत्तियों का उपयोग खाद बनाने के…

नगर के मंदिरों से रोज आठ से दस किलो फूल और बेल-पत्ती निकलती है। नगर पालिका ने फूल और पत्तियों का उपयोग खाद बनाने के रूप में करना शुरू कर दिया है। इसके लिए कम्पोस्टिंग मशीन लाई गई है। बुधवार को नगर पालिका अध्यक्ष हेमंत शर्मा ने मशीन का शुभारंभ किया। पहले ही दिन से मंदिरों से निकलने वाले फूलों से खाद बनाना भी शुरू हो है। फूलों से खाद बनाने की मशीन को ताप्ती सरोवर के किनारे रखा है। खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू करने के दौरान नपा उपाध्यक्ष रेखा शिवहरे, पूर्व नपा अध्यक्ष डॉ. जीए बारस्कर, पार्षद अरुण साहू, राजू चोपड़े, बटनी बाई कड़वे, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष हनी भार्गव, जगदीश पीएल पवार, मनीष माथनकर, अजाबराव देशमुख, प्रहलाद साहू, जयदीप ठाकरे, रामदास साहू, पंजाब चिकाने सहित अन्य लोग उपस्थित थे। नपा अध्यक्ष शर्मा ने बताया मंदिरों से निकलने वाली पूजन सामग्री से खाद बनाने के लिए 4 लाख 80 हजार रुपए की कम्पोस्टिंग मशीन लाई गई है। पूर्व में फूलों से खाद बनाने की यूनिट नपा कार्यालय परिसर में बनाई गई थी। यूनिट में खाद बनाने में अधिक समय लगता था। अब मंदिरों से सीधे फूल लाकर मशीन के माध्यम से खाद बनेगा। फूल एकत्रित करने के लिए अलग से वाहन लगाया है। उन्होंने बताया वर्तमान में नपा घरों से निकलने वाले कचरे से भी खाद बनाकर बेच रही है।
ऐसे बनेगी खाद
नपा के उपयंत्री पवन धुर्वे ने बताया फूल, बेलपत्ती, नारियल की बूच में बायोकुलम एक्टिवेटर पाउडर मिलाकर मशीन में डाल देते हैं। मशीन सामग्री को बारीक कर देती है। मशीन से निकलने वाली सामग्री में बायोकुलम एक्टिवेटर मिला रहता है। जिससे सामग्री में खाद बनाने बेक्टीरिया रहता है। यह बेक्टीरिया आठ से दस दिन में खाद तैयार कर देता है।
मुलताई। फूलों से खाद बनाने वाली मशीन का शुभारंभ करते हुए।
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