थाने में नहीं कराई एफआईआर, कार्रवाई को लेकर उठ रहे सवाल
मुलताई। फिर खुला गया फर्जी दवाखाना।
मुलताई। मुलतापी समाचार
नगर में लगभग 10 दिन पूर्व स्वास्थ्य एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने थाने के सामने स्थित कथित चिकित्सक मालवीय के दवाखाने पर छापामार कार्रवाई कर किसी भी प्रकार की डिग्री नहीं होने से दवाखाना सील किया गया था। इस कार्रवाई के संबंध में बीएमओ उदयप्रताप सिंह तोमर ने बताया था कि कथित डाक्टर मालवीय के पास कोई डिग्री नहीं होने के बावजूद एलोपेथिक उपचार किया जा रहा था जहां से एलोपेथिक दवाएं भी जब्त की गई थी। इस दौरान चिकित्सक का बोर्ड भी जब्त कर थाना परिसर में रखा गया था। बीएमओ तोमर ने फर्जी चिकित्सक पर एफआईआर की कार्रवाई भी शीघ्र किये जाने का कहा था, लेकिन दवाखाना सील करने के दो दिन बाद ही जहां दवाखाना खुल गया, वहीं फर्जी चिकित्सक पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होना स्वास्थ्य एवं राजस्व विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहा है।
इधर बिना डिग्री के कथित चिकित्सक द्वारा पुनः दवाखाना संचालित करते हुए एलोपेथिक उपचार प्रारंभ कर दिया गया है। यहां सवाल यह उठता है कि जब स्वास्थ्य एवं राजस्व की टीम को चिकित्सक मालवीय के पास किसी प्रकार की कोई डिग्री नहीं मिली जिससे उन्हें दवाखाना सील करना पड़ा। फिर दो दिन बाद ही बिना किसी कार्रवाई के दवाखाना कैसे खुल गया। पूरे मामले में कार्रवाई करने वाले अधिकारियों द्वारा भी संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जा रहा है। वहीं बिना डिग्री के चिकित्सक द्वारा खुलेआम ऐलोपेथिक उपचार करना जहां नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं मरीजों की जान के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।
बिना कार्रवाई के कैसे खुल गया क्लीनिकः कार्रवाई के समय बीएमओ उदयप्रताप सिंह तोमर ने बताया कि चिकित्सक द्वारा बोर्ड पर लिखित डिग्री भी मौजूद नहीं है। वहीं दवाखाने में अवैध रूप से उपचार के लिए रखी हुई एलोपेथिक दवाएं भी जब्त की गई हैं। इस पर उन्होंने फर्जी चिकित्सक पर एफआईआर कराने एवं दवाखाने में गंदगी होने से इसका अलग से प्रकरण बनने का बताया गया था। थाने के सामने क्लीनिक को विधिवत नायब तहसीलदार सृष्टि शाह की उपस्थिति में सील भी किया गया था लेकिन इसके बावजूद दो दिनों के बाद ही कैसे क्लीनिक खुल गया इसे लेकर आमजन में चर्चाएं व्याप्त है।
एलआईसी का ऐजेंट बनकर कर रहा था उपचार : थाने के ठीक सामने एलआईसी का ऐजेंट बनकर कथित चिकित्सक मालवीय लंबे समय से बिना डिग्री के लोगों का ऐलोपेथिक उपचार कर रहा था। पूर्व में भी कई लोगों द्वारा अवैध रूप से संचालित दवाखाने की शिकायत की गई थी लेकिन अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की गई।
इनका कहना
दवाखाना सील करने के बाद संचालक मालवीय द्वारा लिखित माफीनामा दिया गया था, जिसके बाद उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उदय प्रताप सिंह तोमर बीएमओ मुलताई।