
मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल
दमोह: सिंगौरगढ़ जलाशय अपने आप में प्राकृतिक सौंदर्य के चलते 12 महीना पर्यटकों को आकर्षित करता है! पहाड़ियों के बीच स्थित जलाशयों के चारों ओर लगे विशालकाय पेड़ सौंदर्य को चार चांद लगा देते हैं!
सिंहगौरगढ़ किला हाथी दरवाजे से लगा हुआ है! जहां पर जलाशय के तट पर संकट मोचन हनुमान जी प्रतिमा विराजमान है! यह जलाशय वीरांगना रानी दुर्गावती के गौरवशाली इतिहास से जुड़ा हुआ है! पहाड़ियों के बीच यह जलाशय अथाह जल से भरा रहता है! बताया जाता है कि इसका जल कभी खाली नहीं होता! इसका पानी 12 माह इतना साफ रहता है कि इसमें परछाई भी साफ नजर आती है! इस जलाशय में रानी दुर्गावती के शासनकाल की स्वर्ण मुद्राएं सहित रानी की पारस मणि इस जलाशय के अंदर डाल दी गई थी! जिसके बारे में कहा जाता है जलाशय में पड़ी पारसमणि के स्पर्श से लोहा भी सोना बन जाता है!
300 वर्ष पूर्व बने सिंगौरगढ़ जलाशय को रहस्यों की खान कहा जाता है ! लेकिन इसके रहस्य आज भी अबूझ पहेली बने हुए हैं! बताया जाता है कि इसी जलाशय में रानी दुर्गावती गुप्त सुरंग से जलाशय तक अपनी सखियों के संग आती थी! जलाशय की खास बात यह है कि यहां पर जिले भर से पकड़े गए मगरमच्छों को छोड़ा गया है ! जिससे यह मगरमच्छों के प्रजनन का केंद्र भी बन गया है! यहां पर हर समय वनकर्मी तैनात रहते हैं ताकि लोग तालाब के पास ना जाए दूर से ही दीदार कर सकें! पर्यटक इस जलाशय को देखे बगैर वापस नहीं लौटते!
मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल