जल उपभोक्ता संथाओं के अध्यक्षों द्वारा इस्तीफा देने के बाद ईई ने पुराने आदेश का किया खुलासा

बैतूल News मुलतापी समाचार
नालों में बहता रहा पानीः सापना जलाशय की भरकावाड़ी नहर से पानी की बर्बादी बुधवार को भी होती रही। सापना जलाशय की डी-2 नहर से चिखलया नाले में लगातार पानी बहता रहा। इस संबंध में पूर्व में भी किसानों ने जल संसाधन विभाग के अफसरों से शिकायत की थी लेकिन पानी की बर्बादी रोकने के लिए कोई प्रयास ही नहीं किए गए।
जल संसाधन विभाग के अफसरों की मनमानी से हो रही पानी की बर्बादी को लेकर जब उपभोक्ता संथाओं के दो अध्यक्षों ने अपने पद से इस्तीफे दे दिए, तब विभाग को यह याद आया कि 3 जनवरी को ही संथाओं का कार्यकाल ही समाप्त हो गया है। आनन-फानन में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री ने सभी एसडीओ को संचालक सहभागिता सिंचाईं प्रबंधन जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा जारी आदेश भेजा और बुधवार को प्रेस नोट जारी किया जिसमें 3 जनवरी को ही संथाओं का कार्यकाल समाप्त होने का हवाला दिया गया है। हालांकि जल संसाधन विभाग 16 फरवरी तक जल उपभोक्ता संथाओं के द्वारा लिए गए निर्णय का ही पालन करता रहा। संथा के अध्यक्षों द्वारा किए जा रहे पत्राचार पर कार्रवाई भी विभाग के अफसर करते रहे। इस मामले में जल उपभोक्ता संथा बैतूलबाजार के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले विवेक वर्मा का आरोप है कि 3 जनवरी को ही कार्यकाल समाप्त हो चुका था तो फिर किस हैसियत से 23 जनवरी को सापना जलाशय की जल उपभोक्ता संथा की बैठक एसडीओ, उपयंत्री और टाइम कीपरों की मौजूदगी में आयोजित कराई गई। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ही जल संसाधन विभाग के अफसरों द्वारा सिंचाई के लिए जलाशय की नहरों से पानी छोड़ा गया। इतना ही नहीं 15 फरवरी को भरकावाड़ी जल उपभोक्ता संथा के अध्यक्ष द्वारा सिंचाई पूर्ण न होने के कारण नहर बंद न करने के लिए दिए गए पत्र पर भी एसडीओ द्वारा निर्णय कैसे ले लिया गया। श्री वर्मा का आरोप है कि जल संसाधन विभाग के अफसरों द्वारा सभी संथाओं के अध्यक्षों और सदस्यों को अब तक अंधेरे में रखकर कार्य कराया गया है। अब तक किए गए समस्त व्यय की जिम्मेदारी भी विभाग के द्वारा संथाओं पर थोप दी जाएगी। इधर इस संबंध में जल संसाधन संभाग क्रमांक-2 बैतूल के कार्यपालन यंत्री एके देहरिया ने बताया कि संचालक सहभागिता सिंचाईं प्रबंधन जल संसाधन विभाग भोपाल द्वारा जारी आदेश के अनुसार मप्र राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित सूचना के अनुसार इस संभाग की समस्त जल उपभोक्ता संथाओं के अध्यक्ष एवं संथाओं के प्रादेशित निर्वाचन क्षेत्र के सदस्यों की पदावधि 3 जनवरी 2020 को पूर्ण होने से संभाग के अंतर्गत समस्त संथाओं के प्रशासकीय एवं वित्तीय अधिकार समाप्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा है कि सेवानिवृत्त अध्यक्ष अपने अधिकारों का उपयोग न करें।