
मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल
जिले में इस बार चना की जगह किसानों ने गेहूं की फसल को ज्यादा महत्व दिया है यही कारण है कि इस बार दमोह में 136000 हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी का लक्ष्य था लेकिन इस बार ₹156000 हेक्टेयर में बोनी हुई है !मगर अब खेत में लहलहाती गेहूं की फसल पर मौसम में आए बदलाव के चलते इल्ली का प्रकोप बढ़ गया है! कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इल्ली हरियाली पर अटैक करती है! दूसरी फसलों की हरियाली खत्म हो गई है, इसलिए गेहूं पर अटैक कर रही है/!
इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ मनोज अहिरवार का कहना है कि वर्तमान में गेहूं की बाली रसीली बाली की अवस्था में हैं! यह मौसम इल्ली के लिए अनुकूल है यही कारण है कि गेहूं में इल्ली लगना शुरू हो गई है! इल्ली के प्रकोप को कम करने के लिए किसान इमामेट्रेन बैंजोएट दवा 10 ग्राम प्रति पंप के हिसाब से उपयोग करें! इससे सारी इल्ली मर जाएगी!