मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल
मढ़ियादो: जब कोई बेटा अपनी मां से दूर हो जाता है और पूरा परिवार अपने बच्चे की खोजबीन में लगा रहे! और बरसों बीतने के बाद जब बच्चे की कुशलता का समाचार मिले तो यह खुशी वह मां ही समझ सकती है जिसकी आंखें अपने बेटे के घर आने की राह देखते देखते पथरा गई हो! 4 साल पहले हरपालपुर गांव से ओंकार काछी लापता हो गया था जो भारत पाकिस्तान की बॉर्डर राजस्थान के श्रीगंगानगर में राजेंद्र पाल शर्मा को मिला! लगभग 1000 किलोमीटर का सफर तय कर ओंकार के परिजन उसे लेने सोमवार सुबह राजस्थान पहुंच गए! वहां पहुंचते ही जैसे ही ओंकार की मां की नजर अपने बेटे पर पड़ी तो वह रोने लगी और गले से लगा लिया! यह उसकी खुशी के आंसू थे! ओंकार जिस घर में रुका था उनके परिजनों को धन्यवाद देकर और उनका उपकार जीवन भर न भूलने की बात कही! यह सुनते ही बिछड़े बेटे को अपनी मां और बच्चों से मिलाने वाले राजेंद्र पाल शर्मा ने कहा कि वह भी उसके बेटे ही हैं! उन्होंने तो सिर्फ अपना इंसानियत और मानवीय धर्म निभाया है! अपने परिवार को पाकर ओंकार काछी बहुत खुश है और आज अपने गृह ग्राम पहुंच जाएगा! ओंकार राजस्थान कैसे पहुंचा इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है!वह जब अपने घर आएगा और परिवार के बीच रहेगा तभी इसका खुलासा हो सकेगा!
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