विनम्र अपील 🌱🌱
पृथ्वी दिवस के अवसर पर हम सभी को ईमानदारी से संकल्प लेना चाहिए कि हमारी विलासिता,लापरवाही, अकर्मण्यता,गलतीयों असंवेदनशीलता,अनदेखी, भ्रष्ट राजनीति , विकलांग व्यवस्था,अंधविश्वास, कर्मकांड, परंपराओं, त्यौहारों, रीतिरिवाजों आदि के कारण दुनिया को प्रदूषित नहीं होने देंगे।
आज पृथ्वी में ग्लोबल वार्मिंग,प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज की समस्या के लिए सिर्फ इंसान जिम्मेदार है।ईश्वर ने मानव को सबसे श्रेष्ठ बुद्धि दिया है और यह उम्मीद किया होगा कि इंसान मानवता,पर्यावरण के लिए वरदान सिद्ध होगा।परन्तु बहुत दुखद है कि मानव ने अपने विलासिता पूर्ण जीवन जीने के लिए पर्यावरण को इस हद तक प्रदूषित कर दिया है कि आने वाली पीढ़ी के लिए जीवन कठिन होता जा रहा है।
अभी कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया मे सभी मानव डरे हुए हैं ,यह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का परिणाम है।
यदि हमने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अपना दिन चर्या प्रारंभ नहीं किया तो हम अपने भविष्य के लिए अभिशाप साबित होंगे।प्रकृति हमे दंड अवश्य देगी।इसका परिणाम हमारी बर्बादी होगी।इसके जिम्मेदार हम ही होंगे।हमारे नेता हमे जाति, धर्म,क्षेत्र और साम्प्रदाय के नाम पर हमें बांटकर अपना उल्लु सीधा कर रहे हैं।जाति, धर्म की राजनीति से हम दुनिया को प्रदूषित कर रहे हैं।आज कोरोना वायरस के कारण सभी धर्म के ठेकेदार और धार्मिक स्थल बंद हैं परंतु ये कोई चमत्कार नहीं कर पा रहे हैं।इसलिए हमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रकृति के अनुकूल जीवन जीना प्रारंभ करें और अपने नेताओं से मांग करें कि जल, जंगल और जमीन से और छेड़छाड़ ना करें।
पृथ्वी जीवन के लिए बहुत अनुकूल है इसके बावजूद मानव अरबों रुपये खर्च करके दूसरे ग्रहों में जीवन की संभावना तलाश रहा है परंतु पृथ्वी के पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ नहीं कर रहा है उल्टे प्रदूषण बढ़ाने में पीछे नहीं है।
अब पर्यावरण और प्रकृति की खातिर हम एक होकर प्रदूषण के खिलाफ काम करें क्योंकि यह हम सभी का दुश्मन है।सभी मानव को प्रकृति के अनुशासन और नियमानुसार जीवन जीना चाहिए इससे उनका भविष्य सुरक्षित होगा।
हमे सादा जीवन पद्धति अपनाना चाहिए ताकि पृथ्वी में लंबे समय के लिए अच्छा पर्यावरण बना रहे।जल, जंगल और जमीन को अपने और भविष्य के लिए सुरक्षित रखें।यह मानव का परम कर्तव्य भी है।