इदौर।कोरोना महामारी के कारण जहां हर ओर चिंता व भय का माहौल है, वहीं कंपनी सेक्रेटरी बनने की ख्वाहिश रखने वालों के लिए कई राहत भरी सुविधाएं इंस्टीट्यूट द्वारा दी जा ही है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज (आइसीएसआइ) के इतिहास में पहली बार कई ऐसे निर्णय लिए गए हैं जो विद्यार्थियों के लिए फायदे का सौदा साबित होंगे। सबसे बड़ा निर्णय तो परीक्षा की तारीख जून से बढ़ाकर अगस्त करने का लिया गया था। इसके अलावा परीक्षा केंद्र बदलने की छूट, अगस्त के बजाय दिसंबर में होने वाली परीक्षा में शामिल होने की आजादी सहित कई रियायत विद्यार्थियों को दी गई है।
इंस्टीट्यूट में इस वर्ष अपना रजिस्ट्रेशन कराने वाले विद्यार्थियों की संख्या पर नजर डालें तो देशभर के करीब 3 लाख विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें इंदौर के करीब 6 हजार विद्यार्थी शामिल हैं। ओल्ड सिलेबस वाले विद्यार्थियों को यह आखरी मौका मिलने वाला था जब वे अटेम्प्ट में शामिल हो सकें पर अब ऐसा नहीं है। अगस्त के साथ अब दिसंबर में भी ओल्ड सिलेबस की परीक्षा वे दे सकेंगे। मतलब उन्हें दोहरा मौका मिल गया है। यही नहीं यदि कोई अपना ग्रुप भी बदलवाना चाहता है तो उसे भी आजादी मिलेगी। ग्रुप ही नहीं बल्कि विद्यार्थी अब मीडियम भी बदल सकते हैं। यदि कोई अपना मीडियम हिंदी से अंग्रेजी या अंग्रेजी से हिंदी कराना चाहता है तो उसे उसकी भी आजादी दी जा रही है। इसकेअलावा कई ऐसे बदलाव किए गए हैं जो विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होंगे।
अब कहीं भी दे सकेंगे परीक्षा
पुराने नियमों के मुताबिक विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए जो सेंटर चुनते थे उसे बदलने की अनुमति उन्हें नहीं होती थी लेकिन इस बार यह सुविधा भी उन्हें दी जा रही है। विद्यार्थी आवेदन कर अपने परीक्षा केंद्र को बदलने की मांग कर सकते हैं। अब वे जिस शहर में हैं और यदि उस शहर में एग्जाम सेंटर है तो परीक्षा वहीं दे सकेंगे भले ही विद्यार्थी ने रजिस्ट्रेशन किसी भी शहर में करा रखा हो। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि संक्रमण के इस दौर में स्टूडेंट्स को परीक्षा के लिए लंबी दूरी तय नहीं करना पड़े।
परीक्षा फीस भी हो सकेगी कैरी फॉरवर्ड
एक अहम निर्णय यह भी लिया गया है कि जो विद्यार्थी अगस्त में होने वाली परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते वे दिसंबर में होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इसके लिए उन्हें इंस्टीट्यूट को सूचित करना होगा। अभी तक यह नियम था कि यदि कोई विद्यार्थी तय तिथि पर परीक्षा नहीं देता है और दूसरी बार होने वाली परीक्षा में शामिल होता है तो उसे दोबारा परीक्षा फीस देना पड़ती थी। पर इस वर्ष इस नियम को भी शिथिल किया गया है। अभी जिन्होंने परीक्षा फीस जमा कर दी थी और अब वे अगस्त के बजाय दिसंबर में परीक्षा देना चाहते हैं उनकी परीक्षा फीस दिसंबर के लिए कैरी फॉरवर्ड हो जाएगी। स्टूडेंट्स को दोबारा फीस जमा नहीं करना होगी। पर इसके लिए भी स्टूडेंट्स को इंस्टीट्यूट को सूचित करना होगा।
हर तरह से स्टूडेंट्स के हित का रखा ध्यान
इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीएस आशीष गर्ग के अनुसार तमाम तरह के परिवर्तन इसलिए किए गए हैं ताकि सभी विद्यार्थी परीक्षा दे सकें। परीक्षा की तारीख आगे बढ़ने से विद्यार्थियों को तैयारी करने का और भी मौका मिल गया है साथ ही इसका फायदा उन्हें भी होगा जो एक साथ ही कई ग्रुप की परीक्षा देना चाहते हैं। इससे वे अपना वर्ष भी बचा सकते हैं। यही नहीं जो विद्यार्थी अगस्त में होने वाली परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सकेंगे वे दिसंबर में होने वाली परीक्षा में शामिल होकर वर्ष बचा सकेंगे। इंस्टीट्यूट द्वारा जो भी सुविधा विद्यार्थियों को दी जा रही है यदि वे उसका लाभ लेना चाहते हैं तो उन्हें 30 जून तक संबंधित बदलाव व रजिस्ट्रेशन इंस्टीट्यूट में कराना होगा। यह कार्य ऑनलाइन प्रकिया से हो रहा है ऐसे में विद्यार्थियों को घर से बाहर निकलने की भी जरूरत नहीं।