
मुलतापी समाचार परिवार की ओर से पुलवामा में हुए शहीद वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता

मैं यूं ही अपनी मस्ती में चला जा रहा था,
ना जाने क्यों मेरा सर अचानक झुकता चला जा रहा था।
माजरा कुछ मेरे समझ नहीं आ रहा था
आगे चलकर देखा तो बेतूल की माटी का दीपक बैतूल के शहीद दीपक स्मारक पर टिम टिमाते नजर आ रहा था
झुकता सर आंखों में पानी यही तो है शहादत दिवस की कहानी
जय हिंद जय भारत
जय जवान जय किसान
अशोक श्री (बैतूल )