
फाउंडेशन ने विधानसभा क्षेत्र के लगभग 1 हजार शिक्षकों का किया सम्मान

गुरु का दर्जा भगवान के बराबर: निलय डागा
बैतूल। निरंतर कई वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में डागा फाउंडेशन जो कार्य कर रहा है मैं समझता हूं कि फाउंडेशन का यह अभूतपूर्व प्रयास रहा है। खासकर गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के लिए यह वरदान सिद्ध हुआ। डागा फाउंडेशन के जो प्रतिफल बच्चों को मिले हैं उसमें कई बच्चे ऐसे थे जो अभूतपूर्व प्रतिभा के धनी थे, लेकिन उनको मौका नहीं मिला था। लेकिन डागा फाउंडेशन ने यह जो कार्य किया है यह निचले तबके के विद्यार्थियों के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है।
यह बात गुरु पूर्णिमा के अवसर पर डागा फाउंडेशन से सम्मान पाकर अभिभूत हुए बैतूल ब्लाक के ग्राम बाबई निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक वामनराव कुंभारे ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में व्यक्त किए। शिक्षक श्री कुंभारे ने कहा कि मेरी अवस्था इस समय 82 वर्ष की है परंतु डागा फाउंडेशन का जो यह कार्य है यह मेरे जीवन में एक नया प्रकाश लेकर आया है, और उन बच्चों को प्रकाशित कर रहा है जो निचले तबके के है, उनको भी उभरने का सुअवसर डागा फाउंडेशन ने दिया है। उल्लेखनीय है कि गुरु पूर्णिमा पर्व पर डागा फाउंडेशन ने विधानसभा क्षेत्र के लगभग 1 हजार शिक्षकों को सम्मानित कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। फाउंडेशन के सदस्यों ने घर-घर जाकर बैतूल एवं आठनेर ब्लॉक में निवासरत शिक्षकों को साल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।
डागा फाउंडेशन जैसी सोच सबकी हो जाए तो यह देश चहुमुखी विकास करेगा

शिक्षक वामन राव कुंभारे ने आगे कहा कि डागा फाउंडेशन जैसी शिक्षा के क्षेत्र में यदि सभी कार्य करने लग जाए तो मैं ऐसा सोचता हूं कि यह देश जल्द ही चहुमुखी विकास कर पाएगा। डागा फाउंडेशन ने जो गुरु पूर्णिमा पर हम लोगों को सम्मानित किया है, यह वास्तव में हम लोगों को अभिभूत करने वाला है। हमारे प्रति जो उन्होंने प्रेम जाहिर किया है वह अतुलनीय है.. हम खुशी से लबरेज है, यह हम जानते हैं। ईश्वर ऐसी ही सद्बुद्धि और सद मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें। हम इसकी कामना करते हैं बहुत सारा आशीर्वाद शुभकामनाएं देते हैं।
विधायक निलय डागा ने कहा कि डागा फाउंडेशन ने गुरुजनों के महत्व को समझते हुए कोरोना से सुरक्षा की गाइडलाइन का पालन करते हुए घर-घर जाकर शिक्षकों का सम्मान कर अपनी परंपरा का निर्वहन किया है। श्री डागा ने बताया कि फाउंडेशन ने कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत कार्यक्रम का स्वरूप बदला है लेकिन गुरु के महत्व को नहीं भूले हैं। प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी शाल श्रीफल से सेवानिवृत्त शिक्षकों का घर घर जाकर सम्मान किया गया। उन्होंने कहा जीवन में गुरु का विशेष महत्व है। गुरु अंधेरे से शिष्य को प्रकाश में लाता है। गुरु न हो तो जीवन में कुछ भी हासिल करना कठिन है। इसलिए गुरु का दर्जा भगवान के बराबर माना गया है। उन्होंने कहा गुरु हमारे जीवन को सही राह पर ले जाते हैं। गुरु के बिना यह जीवन बहुत अधूरा है। गुरु पुर्णिमा गुरु के प्रति नतमस्तक होकर कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है।

एक नहीं अनेक शिक्षकों को सम्मान देने की परंपरा डागा फाउंडेशन ने शुरू की है, डागा फाउंडेशन परोपकार की भावना लेकर काम कर रहा है। डागा फाउंडेशन ने हमारा सम्मान किया है इससे हम अभिभूत है। फाउंडेशन का तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं। किसनलाल कासदे, सेवानिवृत्त शिक्षक

गुरू पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मुझे सम्मानित करने के लिए डागा फाउंडेशन का हार्दिक धन्यवाद एवं आभार। खेमराज मगरदे, सेवानिवृत्त प्राचार्य जेएच कॉलेज

ये प्रसन्नता का विषय है गुरुओं के दिये आदर्शों को डागा फाउडेशन ने निरन्तर संजोए रखा है। एस.टी डोंगरे,सेवानिवृत्त शिक्षक

डागा फाउंडेशन ने कोरोना काल में भी गुरु सम्मान की परम्परा को संजोए रखा गुरुओं के प्रति यह सच्ची श्रद्धा है। सम्मान करने वाले पदाधिकारियों को आशीर्वाद। श्रीमती नर्मदा डोंगरे, सेवानिवृत शिक्षिका
प्रदीप डिगरसे मुलतापी समाचार बैतूल 9584390839