हमीदिया अस्पताल भोपाल में कोरोना संक्रमण से पिडित मरीजों की मौत की संख्या में कमी नहीं आई शासन के प्रयास में कमी नजर आ रही है। अव्यवस्था का अम्बार नजर आ रहा है बिते 3 दीनो मे कोई सुखद समाचार नही प्राप्त हुए। ना कोई आला अधिकारियों को इस बात का पता है और ना ही किसी ने सुध लेने की जरूरत समझी पुछने पर बस इतना ही कहा जाता है कि हम प्रयास कर रहे हैं और मरीजों की संख्या में कमी आएगी किन्तु देखने में ऐसा नहीं है परिस्थिति विपरीत है जांच की रिपोर्ट आने में भी ज्यादा समय लग रहा है जिससे जो मरीज संग्धित है उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है एक ओर तो जहाँ हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान व्यवस्था को परिपूर्ण बनाने की बात कही है जबकि कुछ भी ऐसा नहीं हुआ है प्रदेश के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए ऐसे ही हालात का सामना करना पड़ रहा है यदि इस प्रकार चलता रहा तो 3 मई तक प्रदेश में लोकडाऊन की अवधि को समाप्त करने का प्रयास सफल हो पायेगा या नहीं यह विचारणीय है
लॉक डाउन के बीच घर तक दवा पहुंचा रहे हैं इंदौर के दो युवा, मकसद घर में रहें लोग
लॉक डाउन के बीच घर तक दवा पहुंचा रहे हैं इंदौर के दो युवा, मकसद घर में रहें लोग कई मामलों में तो वे ग्राहकों को दवा के दाम में ज्यादा से ज्यादा डिस्काउंट दिलाने की भी कोशिश करते हैं।
इंदौर। देश में कोरोना वायरस के मामलों को फैलने से रोकने के लिए 14 अप्रैल तक लॉक डाउन किया गया था, जिसे 30 अप्रैल तक बढ़ाया जा सकता है। लोगों को घरों में रहने की हिदायद दी जा रही है और पुलिस प्रशासन सरकार के इस आदेश का सख्ती से पालन कराने के लिए दिन रात एक कर रहा है। इस बीच सबसे ज्यादा समस्या उन लोगों को हो रही है, जिनकी दवाएं चल रही हैं। कई बार आस-पास के मेडिकल स्टोर में दवा नहीं मिलने और घर से बाहर निकलने पर पुलिस की पहरेदारी होने की वजह से लोग दवाओं के लिए परेशान हो रहे थे। इसे देखते हुए दो युवा नागेश पवार और उनके साथी तरुण माली लोगों को उनके घर तक दवाएं पहुंचा रहे हैं।
Super 100 के संस्थापक आनंद कुमार द्वारा विद्यार्थियों को lock down जैसी स्थिति में अपने घर में रहने की बात कही और साथ ही कहा कि ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को घर में रह कर पढ़ाई करना चाहिए और रिवाइज करते रहना है
आंनद कुमार ने कहा कि विपरित परिस्थितियों में ही योग्यता और शील की पारख होती है, इससे प्राप्त अनुभव ही जीवन में सफल होने मे भी सहायक होते हैं
इंदौर ()। Coronavirus in Indore : गुरुवार सुबह कोरोना वायरस के संक्रमण से एक निजी चिकित्सक और साउथ तोड़ा निवासी 44 साल के व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई। शाम को जारी रिपोर्ट में 22 नए पॉजिटिव मिले हैं। इनमें से 18 पहले से अस्पताल में भर्ती हैं। शहर में अब 235 मरीज कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। इनमें से 23 मरीजों की मौत हो चुकी है।
नए मरीजों में चार टाटपट्टी बाखल के गुरुवार को शहर में कोरोना के 22 नए मामले सामने आए, उनमें से 18 मरीज पहले से ही अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। 4 पॉजिटिव मरीज टाटपट्टी बाखल से सामने आए हैं जिनके नमूने स्वास्थ्य विभाग ने अपने सर्वे के दौरान एकत्रित किए थे।
कोरोना का कहर : खेतों से घरों तक पहुंच गई फसलें, अब खर्च के लिए रुपए तक नहीं कि सानों के पास, कि सान बोले-मंडी खुलने से ही खत्म होगी परेशानी अनाज से भरे कि सानों के घर, जेब में रुपए नहीं, बढ़ रही परेशानियां जिलेभर के कि सानों की एक सी ि अनाज से भरे कि सानों के घर, जेब में रुपए नहीं, बढ़ रही परेशानियां जिलेभर के कि सानों की एक सी स्थिति, कोरोना से बचाव के बीच परेशानी में गुजर रहे दिन, समर्थन मूल्य पर 15 अप्रैल से शुरू होगी खरीदी 9 एमडीएस-55 के प्शन- घरों में जगह नहीं होने के कारण कि सानों ने घरों के बाहर ही लगा रखे हैं उपज के ढेर। । 9 एमडीएस-56 के प्शन- ग्राम कु चड़ौद में खेत-खलिहान में रखी लहसुन फसल, मंडी खुलने का इंतजार कर रहे कि सान। .। । प्रतिनिधि रबी सीजन की फसलों की कटाई के बाद उपज कि सानों के घरों में पहुंच गई है। लेकि न मंडियां बंद होने के कारण कि सानों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। घर उपज से भरे हैं पर जेबों में रुपए नहीं हैं। फसल की बोवनी से अब तक कि सान ने खर्च ही कि ए हैं, अब फसल विक्रय के बाद ही सभी खर्च निकलेंगे। फसल नहीं बेच पाने के कारण कई कि सान अपने खेतों में काम करने वाले मजदूरों को रुपए भी नहीं दे पा रहे हैं। कि सानों का कहना है कि खर्च के लिए रुपए भी नहीं हैं। एक-एक दिन बहुत दिक्कतों के साथ निकल रहा है। खेतों से सीधे मंडी में उपज पहुंचाने वाले कि सानों को दोहरी परेशानियां हो रही हैं, घरों में उपज रखने की जगह भी नहीं और मंडी खुलने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। इसके कारण कई कि सानों ने घरों के बाहर ही उपज के ढेर लगा रखे हैं। गेहूं के कि सानों के लिए राहत की बात यह है कि समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 15 अप्रैल से शुरू हो रही है।
अब खर्च के लिए रुपए तक नहीं कि सानों के पास, कि सान बोले-मंडी खुलने से ही खत्म होगी परेशानी
अनाज से भरे कि सानों के घर, जेब में रुपए नहीं, बढ़ रही परेशानियां
जिलेभर के कि सानों की एक सी स्थिति, कोरोना से बचाव के बीच परेशानी में गुजर रहे दिन, समर्थन मूल्य पर 15 अप्रैल से शुरू होगी खरीदी
के प्शन- घरों में जगह नहीं होने के कारण कि सानों ने घरों के बाहर ही लगा रखे हैं उपज के ढेर। नईदुनिया।
केप्शन- ग्राम कु चड़ौद में खेत-खलिहान में रखी लहसुन फसल, मंडी खुलने का इंतजार कर रहे कि सान। .
मुलतापी समाचार
बैैैैैैैैतूल। रबी सीजन की फसलों की कटाई के बाद उपज कि सानों के घरों में पहुंच गई है। लेकि न मंडियां बंद होने के कारण कि सानों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। घर उपज से भरे हैं पर जेबों में रुपए नहीं हैं। फसल की बोवनी से अब तक कि सान ने खर्च ही कि ए हैं, अब फसल विक्रय के बाद ही सभी खर्च निकलेंगे। फसल नहीं बेच पाने के कारण कई कि सान अपने खेतों में काम करने वाले मजदूरों को रुपए भी नहीं दे पा रहे हैं। कि सानों का कहना है कि खर्च के लिए रुपए भी नहीं हैं। एक-एक दिन बहुत दिक्कतों के साथ निकल रहा है। खेतों से सीधे मंडी में उपज पहुंचाने वाले कि सानों को दोहरी परेशानियां हो रही हैं, घरों में उपज रखने की जगह भी नहीं और मंडी खुलने के आसार भी नहीं दिख रहे हैं। इसके कारण कई कि सानों ने घरों के बाहर ही उपज के ढेर लगा रखे हैं। गेहूं के कि सानों के लिए राहत की बात यह है कि समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी 15 अप्रैल से शुरू हो रही है।
कुओं में पर्याप्त पानी एवं मौसम भी अनुकूल बना रहने से इस साल रबी सीजन में गेहूं, मेथी, लहसुन सहित सभी फसलों का बंपर उत्पादन हुआ है। बोवनी से लेकर फसल कटाई और उपज को घर व खलिहानों तक पहुंचाने के लिए कि सानों ने अब तक खर्च ही कि या है। सभी खर्च उपज विक्रय से ही निकलता है। लेकि न कोरोना से बचाव के लिए लगाए गए लॉक डाउन के कारण मंडियां बंद हैं। इसके कारण कि सानों की परेशानियां दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। कई कि सानों ने मजदूरों से फसल कटवाई है, अभी उनके पास मजदूरों को देने के लिए रुपए भी नहीं हैं। इसके अलावा खर्च तक के रुपए नहीं बचे हैं। सब कु छ फसल विक्रय पर ही निर्भर है। एक तरफ कि सानों के घर अनाज से भरे पड़े हैं लेकि न जेब खाली है, जिससे कारण दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। कि सानों का कहना है कि प्रशासन मंडी को चालू करे और जिले के बाहर से आने वाली उपज पर रोक लगाई जाए।