इंदौर। भाजपा कार्यालय से रेसीडेंसी कोठी तक बिना अनुमति रैली निकालने के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया और नगर अध्यक्ष गोपी नेता सहित 350 लोगों पर संयोगितागंज पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन पर धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भाजपा कार्यालय में पत्रकारवार्ता के बाद विजयवर्गीय कार्यकर्ताओं की भीड़ के साथ रेसीडेंसी कोठी पहुंचे थे।
वहां अफसरों के नहीं मिलने से नाराज नेताओं ने संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी के बंगले पर धरना दे दिया। प्रशासनिक अफसरों से रिपोर्ट मिलने के बाद संयोगितागंज पुलिस ने भादवि 1973 की धारा 144 का उल्लंघन पाए जाने पर विजयवर्गीय, सांसद लालवानी के साथ ही भाजपा नगर अध्यक्ष गोपी नेमा, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया के खिलाफ धारा-188 के तहत प्रकरण दर्ज किया। अफसरों के अनुसार साढ़े तीन सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं की भीड़ ने बंगले के बाहर 15 मिनट तक धरना दिया था।
रात में चार धाराएं बढ़ाईं : देर रात को विजयवर्गीय सहित 350 कार्यकर्ताओं पर चार धाराएं 143, 149, 153 और 506 लगा दी गई। इसमें अवैधानिक तरीके से इकट्ठा होना और जान से मारने की धमकी देना शामिल है।
पार्टी के बुलावे पर और जनता के हित में बात करने गए थे : लालवानी
पार्टी के बुलावे पर और जनता के हित में बात करने गए थे । इसकी लिखित सूचना भी पार्टी ने प्रशासन को दी थी। उसके बाद भी इस तरह की कार्रवाई न्यायसंगत नहीं कही जा सकती। – शंकर लालवानी, सांसद
कोई बात करना होगी तो संगठन से कहूंगी : महाजन
विजयवर्गीय हमारे राष्ट्रीय महासचिव हैं, मैं किसी पद पर नहीं हूं। इस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है। अगर कोई बात करना होगी तो संगठन से कहूंगी। – सुमित्रा महाजन
कांग्रेस के संस्कारों में ही हिंसा व नफरत : मेंदोला
कांग्रेस के संस्कारों में ही हिंसा और नफरत है। जनता, जनप्रतिनिधि व लोकतंत्र के अपमान के विरोध में कैलाशजी ने अपना आक्रोश व्यक्त किया था।- रमेश मेंदोला
नफरत की ही राजनीति की है हमेशा : दिग्विजय
ये उनका कसूर नहीं है। बचपन से ही हिंसा और नफरत का रास्ता सिखाया गया, उसी से ये राजनीति करते आए हैं। मैं उनके बयान की निंदा करता हूं। – दिग्विजय सिंह
किसी की हैसियत क्या जो आग लगा दे: सज्जन
वह संघ के पदाधिकारियों से पूछ ले आग लगाने के बारे में। इंदौर नपुंसकों का शहर नहीं है, वह निपटना जानते हैं। तेरी-मेरी हैसियत क्या है, उस इंदौर में आग लगा दे। – सज्जन सिंह वर्मा