
साथियों, नमस्कार.
पत्रकारों की असमय मृत्यु , गंभीर रूप से घायल होने या फिर गंभीर रूप से बीमार होने पर आर्थिक सहायता
केंद्र सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए ‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम‘ में संशोधन कर दिया है। यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है। … यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी।
इस समूह में हम सभी देश के पत्रकार शामिल हैं. ऐसे में मेरी आप सभी से विनती है कि आप अपने-अपने प्रदेशों के पत्रकारों के बीच यह सूचना अवश्य पहुंचाने का कार्य करें कि केंद्र सरकार की ओर से सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन जर्नलिस्ट वेलफेयर स्कीम नामक एक योजना है. जिसमें कि पत्रकारों की असमय मृत्यु , गंभीर रूप से घायल होने या फिर गंभीर रूप से बीमार होने पर आर्थिक सहायता का प्रावधान है.

जब भी कोई आवेदन आता है तो एक कमेटी उस पर निर्णय करती है. जिसके आधार पर संबंधित पत्रकार या उनके परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है. यह सहायता अधिकतम ₹5 Lakh तक की होती है.
हमारा प्रयास है कि इस योजना के तहत देश भर के गांव तालुका स्तर तक के पत्रकारों को भी आर्थिक सहायता हासिल हो. जो भी वास्तविक जरूरतमंद पत्रकार हो उनके परिजनों को सहायता मिलनी चाहिए. सरकार की ओर से भी इसमें कोई बाधा नहीं है. वास्तविक जरूरतमंदों को सहायता देने के लिए इस योजना में प्रावधान है.
अधिक जानकारी के लिए – http://pib.nic.in/prs/JWSguidelinesEnglish.pdf?Sel=17&PSel=2 इस लिंक पर जा सकते हैं।अथवामहानिदेशक (मीडिया एवं संचार), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, ‘ए’ विंग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001 से भी संपर्क किया जा सकता है।जिन पत्रकारों या उनके परिजनों को सहायता चाहिए, वे विहित फॉर्म पर अपने आवेदन दिए गए पते पर भेज सकते हैं। तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) PIB की वेबसाइट pib.nic.in से डाउनलोड कर सकते है।


केंद्र सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती प्रदान करने के लिए ‘पत्रकार वेलफेयर स्कीम’ में संशोधन कर दिया है। यह देशभर के सभी पत्रकारों के लिए लागू हो गया है। दरअसल केंद्र सरकार ने पत्रकारों के कल्याण के लिए इस स्कीम को 01फरवरी 2013 में लागू किया गया था। अब इसमें 05 मार्च 2019 से संशोधन किया गया है, जिसका फायदा सभी जर्नलिस्ट्स ले सकेंगे। यदि किसी जर्नलिस्ट का निधन हो जाता है या फिर वह विकलांग हो जाता है, तो इस स्कीम के तहत केंद्र सरकार उसके आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देगी। वहीं, इलाज के लिए भी पत्रकार को सरकार की ओर से 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना की पात्रता के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जिसके संरक्षक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री होंगे। वहीं, विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक, एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव समिति के सदस्य हैं। वहीं, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव अथवा निदेशक सदस्य संयोजक हैं।
इस समिति का काम होगा कि ये पीड़ित पत्रकार या फिर उनके परिजनों के आवेदन पर विचार करे तथा उसके मुताबिक आर्थिक सहायता देने का फैसला ले। इस योजना के तहत एक अच्छी बात यह है कि इसमें केंद्र या राज्य सरकार से अधिस्वीकृत पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है।
ऐसे में आप अपने-अपने प्रदेशों और सर्किल के सभी पत्रकारों तक यह बात जरूर पहुंचाएं कि अगर किसी पत्रकार की असमय मृत्यु हो जाती है, वह गंभीर रूप से बीमार है या फिर किसी गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गए हैं तो आर्थिक सहायता के लिए पीआईबी वेबसाइट पर जर्नलिस्ट वेलफेयर स्कीम के तहत आवेदन करें
धन्यवाद
फॉर्म भरने के लिए सामान्य निर्देश
कृपया ऑनलाइन फॉर्म भरना शुरू करने से पहले ध्यानपूर्वक निम्नलिखित निर्देश पढ़ें।
http://pibaccreditation.nic.in/jws/ApplicationJWS.aspx
1. सभी तारांकित बिंदु अनिवार्य है। किसी एक को भी खाली छोड़ देने से आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
2. कृपया आवेदक पत्रकार का पूरा नाम भरें।
3. जन्म तिथि वही होनी चाहिए जैसा कि संलग्न किए गए दस्तावेज़ी प्रमाण में दर्शाई गई है।
4. आवास के प्रमाण सहित डाक का पूरा पता दें।
5. सुनिश्चित करें कि मोबाइल नं. और ईमेल की प्रविष्टि ठीक प्रकार से की गई है, क्योंकि यदि आवश्यक हुआ तो आपसे संपर्क करने के लिए इनका प्रयोग किया जाएगा।
6. पत्रकारिता संबंधी कैरियर के आरंभ से लेकर अभी तक के कार्य अनुभव का पूरा ब्यौरा दें तथा ऐसे सभी संगठनों के संबंध में कार्यग्रहण की तारीख एवं कार्यभार मुक्त होने की तारीख, दोनों की सूचना दें।
7. संगठन का पूरा नाम और उसमें धारित पदनाम लिखें।
8. वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए उपयुक्त कारण का चयन करें; उसके लिए दस्तावेज़ी प्रमाण प्रस्तुत करें।
9. मांगी गई वित्तीय सहायता के लिए-विविध बिलों की स्थिति में सभी बिलों/रसीदों का अलग-अलग बिल संबंधी संक्षिप्त विवरण संलग्न करें।
10 अन्य स्रोतों से मांगी गई/प्राप्त वित्तीय सहायता का पूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराएं।
11 पत्रकार का प्रत्यायन संबंधी ब्यौरा उपलब्ध कराएं जिसमें कार्ड संख्या, वैधता और मीडिया संगठन (अथवा फ्रीलांस), जिसकी तरफ से प्रत्यायन दिया गया है, का ब्यौरा शामिल हो।
12 यदि मीडियाकर्मी सीजीएचएस लाभार्थी था, तो सीजीएचएस सुविधा का लाभ प्राप्त न करने के कारण बताएं।
13 पत्रकार की मृत्यु/ विकलांगता की स्थिति में, परिवार के सदस्यों का ब्यौरा तथा वेतन आदि सहित रोज़गार का ब्यौरा प्रस्तुत करें।
14 अधिदेश प्रपत्र में सभी कॉलम भरें। बैंक खाता संख्या और बैंक का एमआईसीआर कोड ध्यानपूर्वक भरें।
15 प्रत्येक दस्तावेज़ के उपयुक्त विवरण सहित सभी अपेक्षित दस्तावेज़ अपलोड करें। बेहतर होगा कि अपलोड करने से पहले दस्तावेज़ों का इस प्रकार सूचीकरण करें कि उनकी पहचान करना आसान हो जाए।
16 यह देखने के लिए कि फॉर्म पूरी तरह और ठीक प्रकार से भर लिया गया है, आवेदन का पूर्वावलोकन करें और उसके पश्चात् सबमिट बटन पर क्लिक करें। एक बार सबमिट बटन पर क्लिक हो जाने पर आवेदन में संशोधन नहीं किया जा सकता।
कृपया नोट करें: आप केवल तभी सबमिट कर पाएंगे जब सभी अनिवार्य बिंदु भर लिए गए हों।