
मुलतापी समाचार मनोज कुमार अग्रवाल
नई दिल्ली: पिछले 5 दिनों से भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने के कारण सरकार की चिंता बढ़ा दी है! देश में वायरस के तीसरे फेज यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की आशंका भी गहरा गई है! स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सरकार ने इसे रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है! स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को (social distancing) यानी एक दूसरे से दूर दूर रहने के नियम का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा है! स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश है कि सोशल distancing लागू कराने के लिए उन्हें किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी पड़ी तो इसमें भी संकोच नहीं करें!
एपिडेमिक डिजीज कंट्रोल एक्ट के तहत राज्यों को पहले से ही कार्यवाही करने का पूरा अधिकार दिया गया है! इसके अलावा यदि जरूरत पड़े तो वे सीआरपीसी, आईपीसी या किसी भी अन्य कानून की धारा के तहत कार्यवाही कर सकते हैं!
पिछले चार-पांच दिन से कोरोना ग्रसित मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या चिंता की बात है और कम्युनिटी ट्रांसमिशन के फज तक पहुंचने से रोकने के लिए social distancing को कड़ाई से लागू करना ही एकमात्र विकल्प है! Social distancing लागू करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही सार्वजनिक परिवहन के साधनों को कम करने और उनमें यात्रियों के बीच 1 मीटर की दूरी सुनिश्चित करने को कह चुका है! लव अग्रवाल ने कहा कि सभी राज्य एक साथ मिलकर पूरे देश में सोशल distancing को कड़ाई से लागू नहीं करेंगे तो हालात को संभालना मुश्किल हो जाएगा!
सोशल डिस्टेंसिंग का अर्थ है लोगों से दूरी बनाकर रहना! यह इसी अवधारणा पर केंद्रित है कि लोग एक दूसरे के संपर्क में आने से बचें! ऐसा होने से संभावित संक्रमण से बचना और बचाना संभव होगा! बेहद आपात स्थिति न हो तो घर से बाहर नहीं निकलना और बाहर आने की सूरत में सामने वाले से तीन से 6 फुट तक की दूरी रखना सोशल distancing का तरीका है!
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